संत गरीब दस जी का हिन्दी में विवरण लेखक भलेराम बेनीवाल (2008) की पुस्तक-जाट योद्धाओं का इतिहास से लिया गया है.
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संत गरीब दस जी के जीवन परिचय का अधिकांस विवरण लेखक भलेराम बेनीवाल (2008) की पुस्तक-जाट योद्धाओं का इतिहास से लिया गया है.
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पुस्तक विवरण लेखक की यात्रा और इस पुस्तक का मूल सिद्धांतों और बाहरी शिक्षा नेताओं ने आगे की मान्यता की खोज की प्रक्रिया की प्रस्तावना.
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अन्य जगहों पर आरनॉल्ड ने लिखा है-' ' उत्तर पूर्व भारत से अंग्रेजों के द्वारा भारतीय टीके के संबंध में कई विवरण मिलते हैं जो काफी अलग अलग हैं क्योंकि कई बार ये विवरण लेखक की अपनी समझ पर निर्भर है।
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जब वह मुख्य अखबारों में कड़ियों में प्रकाशित हो रहा था तो इतना विश्वसनीय था कि लोग उसे सच मान बैठे और उसमें लगी शर्त के ऊपर अनगिनत पैसों का सट्टा लगा बैठे-वह यात्रा विवरण लेखक ने घर में बैठ कर लिखा था।
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कुन्ञकुट्टी का फिर से जीवित हो जाना, पोन्नम्मा की मूर्छा, भारती कुट्टी का सदमा और सम्मोहन के रोचक प्रयोगों जैसी स्थानीय और केरल में घटित घटनाओं में पात्र, स्थान आदि की स्पष्ट जानकारी होने से विश्वसनीयता में संदेह की संभावना नहीं रह जाती, किन्तु घटनाओं की वस्तुस्थिति और विवरण लेखक स्वयं के दृष्टिकोण से हैं।
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कुन्ञकुट्टी का फिर से जीवित हो जाना, पोन्नम्मा की मूर्छा, भारती कुट्टी का सदमा और सम्मोहन के रोचक प्रयोगों जैसी स्थानीय और केरल में घटित घटनाओं में पात्र, स्थान आदि की स्पष्ट जानकारी होने से विश्वसनीयता में संदेह की संभावना नहीं रह जाती, किन्तु घटनाओं की वस्तुस्थिति और विवरण लेखक स्वयं के दृष्टिकोण से हैं।